NCERT Solutions For Class 10 Kshitiz-II Hindi Netaji Ka Chashma

Hindi Kshitij Chapter 10 Netaji Ka Chashma Question-Answers
हिंदी क्षितिज पाठ-10 नेताजी का चश्मा प्रश्न-उत्तर (स्वयं प्रकाश)

NCERT Solutions: Class 10

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पृष्ठ संख्या: 64

प्रश्न अभ्यास

प्रश्न 1.
सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?

उत्तर:

चश्मेवाला खुद सेनानी नहीं था। लेकिन उसमें देशभक्ति की भावना बहुत गहरी थी। वह आज़ादी की लड़ाई लड़ने वालों का दिल से सम्मान करता था। उसके विचार और व्यवहार प्रेरणादायक थे। इसलिए लोग उसे प्यार से “कैप्टन” कहने लगे।


प्रश्न 2.
हालदार साहब ने ड्राईवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा –

(क) हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे?
(ख) मूर्ती पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?
(ग) हालदार साहब इतनी – सी बात पर भावुक क्यों हो उठे?

उत्तर:

(क) हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे?
हालदार साहब को लगा कि अब उस कस्बे में पहले जैसी देशभक्ति नहीं रही। उन्हें उम्मीद थी कि नेताजी की मूर्ति तो दिखेगी, लेकिन आँखों पर चश्मा नहीं होगा। चश्मा लगाने वाला सच्चा देशभक्त ‘कैप्टन’ अब इस दुनिया में नहीं रहा।

(ख) मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?
मूर्ति पर बना सरकंडे का चश्मा यह उम्मीद जगाता है कि देशभक्ति की भावना अभी भी लोगों के दिलों में ज़िंदा है। यह संकेत है कि नई पीढ़ी अपने इतिहास और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को समझती है और उसे सम्मान देती है।

(ग) हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे?
जब हालदार साहब ने देखा कि नेताजी की मूर्ति की आँखों पर फिर से चश्मा लगा है, तो उनके दिल की निराशा उम्मीद में बदल गई। यह देखकर वे भावुक हो उठे, क्योंकि उन्हें भरोसा हो गया कि देशभक्ति का जज़्बा अब भी अगली पीढ़ी के दिलों में जिंदा है।

प्रश्न 3.
आशय स्पष्ट कीजिए. –
“बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िंदगी सब कुछ होम देनेवालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने केमौके ढूँढ़ती है.”

उत्तर: इस पंक्ति में हालदार साहब उस समाज को लेकर चिंतित हैं जो अपने देश के लिए सब कुछ कुर्बान करने वाले देशभक्तों का सम्मान करने की बजाय उनका मज़ाक उड़ाता है। वह सोचते हैं कि ऐसी कौम का क्या भविष्य होगा जो खुदगर्ज़ी में डूबी हुई है और अपने फायदे के लिए हर हाल में समझौता करने को तैयार रहती है – यहां तक ​​की अगर उसे ईमानदारी और नैतिकता को छोड़ना पड़े। वह सोचते हैं कि ऐसी स्वार्थी और बेपरवाह कौम का भविष्य अंधकारमय हो सकता है।

 

प्रश्न 4.
पानवाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए.

उत्तर: पानवाला काला, मोटा और खुशमिजाज़ आदमी था। उसके सिर पर बहुत कम बाल बचे थे और पान खाने की आदत के कारण उसके दाँत काले-लाल दिखते थे। इसके अतिरिक्त वह हमेशा मुँह में पान दबाए रहता और हँसते हुए बात करता था।

 

प्रश्न 5.
“वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!”

कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया लिखिए.

उत्तर: पानवाले की यह बात कैप्टन जैसे सच्चे देशभक्त का अपमान है। वह भले ही लँगड़ा था और फौज में नहीं जा सका, लेकिन उसके मन में जो गहरी देशभक्ति थी, वह किसी सैनिक से कम नहीं थी। पानवाले का उसे “पागल” कहना उसकी खुदगर्ज़ सोच को दिखाता है। असल में तो देश के लिए दीवानगी की हद तक समर्पित ऐसे इंसान को सम्मान मिलना चाहिए, न कि उपहास।

 

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं –

(क) हालदार साहब हमेशा चौराहे पर रूकते और नेताजी को निहारते.

(ख) पानवाला उदास हो गया. उसने पीछे मुड़कर मुँह का पान नीचे थूका और सर झुकाकर अपनी धोती के सिरे से आँखें पोंछता हुआ बोला – साहब! कैप्टन मर गया.

(ग) कैप्टन बार-बार मूर्ति पर चश्मा लगा देता था.

उत्तर:

(क) हालदार साहब हमेशा चौराहे पर रूकते और नेताजी को निहारते.
इससे पता चलता है कि हालदार साहब के मन में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के प्रति गहरा सम्मान था। वे सच्चे देशभक्त थे और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा से याद करते थे। नेताजी की मूर्ति को देखकर उन्हें गर्व और प्रेरणा का अनुभव होता था।

(ख) पानवाला उदास हो गया. उसने पीछे मुड़कर मुँह का पान नीचे थूका और सर झुकाकर अपनी धोती के सिरे से आँखें पोंछता हुआ बोला – साहब! कैप्टन मर गया.
यह दृश्य दिखाता है कि पानवाले के भीतर संवेदनशीलता और इंसानियत थी। कैप्टन के निधन से वह भीतर से दुखी हो गया, जिससे यह साफ होता है कि वह उसे दिल से मानता था, भले ही बाहर से मज़ाक करता रहा हो।

(ग) कैप्टन बार-बार मूर्ति पर चश्मा लगा देता था।
यह बात कैप्टन की सच्ची देशभक्ति को दर्शाती है। वह नेताजी के प्रति अपार सम्मान रखता था और उनका चश्मा बार-बार लगाना उसके राष्ट्रप्रेम और समर्पण का प्रतीक था।

 

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प्रश्न 7.
जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात नहीं देखा था तब तक उसके मानस पटल पर उसका कौन -सा चित्र रहा होगा, अपनी कल्पना से लिखिए.

उत्तर: जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को देखा नहीं था, उनके मन में उसकी एक ऊँचे कद-काठी वाली, मजबूत और रौबदार व्यक्तित्व की छवि बनी हुई थी। उन्हें लगता था कि वह शायद फौज का सच्चा सिपाही है, इसलिए सब उसे “कैप्टन” कहकर बुलाते हैं।

 

प्रश्न 8.
कस्बों, शहरों, महानगरों पर किसी न किसी शेत्र के प्रसिद्व व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है.

(क) इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं?
(ख) आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों?
(ग) उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए?

उत्तर:
(क)
इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं?
किसी भी कस्बे, शहर या महानगर में प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का मुख्य उद्देश्य होता है कि हम उस व्यक्ति की स्मृति को सदैव जीवित रखें। इससे हमें यह याद दिलाने में मदद मिलती है कि उसने समाज और देश के लिए किस तरह का महान योगदान दिया था। ऐसी मूर्तियाँ हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत होती हैं, जिससे हम भी उसके आदर्शों को अपनाकर अपने जीवन में अच्छे कार्य कर सकें और देश-समाज की प्रगति में अपना योगदान दे सकें।

(ख) आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों?
मैं अपने इलाके के चौराहे पर महात्मा गांधी जी की मूर्ति लगवाना चाहूँगा। क्योंकि आज समाज में कई बुराइयाँ फैल रही हैं। उदाहरण के लिए, झूठ, हिंसा, भ्रष्टाचार और जात-पात का भेदभाव लगातार बढ़ रहा है। ऐसे समय में, गांधी जी के सिद्धांत हमें सही राह दिखा सकते हैं उनका सत्य, अहिंसा और प्रेम का संदेश समाज के लिए प्रेरणा है। इसलिए, अगर वहाँ उनकी मूर्ति लगेगी, तो लोग उन्हें देखकर उनके विचारों को याद रखेंगे। वे अपने व्यवहार में भी उन आदर्शों को अपनाने की कोशिश करेंगे। इस प्रकार, समाज में शांति और सौहार्द बढ़ेगा।

(ग) उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए?
उस मूर्ति के प्रति हमारा और समाज का उत्तरदायित्व होता है कि हम उसकी रक्षा करें और उसकी गरिमा बनाए रखें। हमें कभी भी उस मूर्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और न ही किसी को ऐसा करने देना चाहिए। साथ ही, उस महान व्यक्ति के आदर्शों को अपनाकर खुद सही रास्ते पर चलना चाहिए और दूसरों को भी उनके अनुसार जीवन जीने के लिए प्रेरित करना चाहिए, ताकि समाज में सकारात्मक बदलाव आए।

 

प्रश्न 9.
सीमा पर तैनात फ़ौजी ही देश-प्रेम का परिचय नहीं देते. हम सभी अपने दैनिक कार्यों में किसी न किसी रूप में. देश-प्रेम प्रकट करते हैं; जैसे-सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुँचाना, पर्यावरण संरक्षण आदि. अपने जीवन जगत से जुड़े ऐसे और कार्यों का उल्लेख कीजिए और उन पर अमल भी कीजिए.

उत्तर:सीमा पर तैनात फौजी देशभक्ति का महान उदाहरण होते हैं। हालाँकि, हम भी अपने दैनिक कार्यों से देश के प्रति प्रेम दिखा सकते हैं। उदाहरण के लिए, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुँचाना हमारा कर्तव्य है। हमें पेड़ लगाने चाहिए और पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए। इसके अलावा, पानी और बिजली की बचत करना भी जरूरी है। हमें कूड़ा कूड़ेदान में ही फेंकना चाहिए और सफ़ाई बनाए रखनी चाहिए। इस प्रकार, मिल-जुलकर रहना और देश के प्रति सम्मान रखना भी देशभक्ति ही है। छोटे-छोटे कार्यों से हम बड़ा योगदान दे सकते हैं।

 

प्रश्न 10.
निम्नलिखित पंक्तियों में स्थानीय बोली का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है, आप इन पंक्तियों को मानक हिंदी में लिखिए.

‘कोई गिराक आ गया समझो. उसको चौड़े चौखट चाहिए।.तो कैप्टन किदर से लाएगा? तो उसको मूर्तिवाला दे दिया. उदर दूसरा बिठा दिया. ‘

उत्तर: यदि कोई ग्राहक आता है और उसे चौड़े चौखट की ज़रूरत होती है, तो कैप्टन उसे कहाँ से लाएगा? इसलिए मूर्तिवाले ने उसे चौखट दे दी और उसकी जगह दूसरा व्यक्ति बैठा दिया।

 

प्रश्न 11.
‘भई खूब! क्या आइडिया है’. इस वाक्य को ध्यान में रखते हुए बताइए कि एक भाषा में दूसरी भाषा के शब्दों के आने से क्या लाभ होते हैं?

उत्तर: जब एक भाषा में दूसरी भाषा के शब्द जुड़ते हैं, तो भाषा की अभिव्यक्ति सरल हो जाती है। इससे भावों को व्यक्त करना आसान होता है और शब्दों का संग्रह भी बढ़ता है। इसके अलावा, भाषा में विविधता आती है और उसका रूप अधिक आकर्षक बनता है। इस कारण से बातचीत अधिक रोचक और प्रभावी हो जाती है। इस प्रकार, दूसरी भाषाओं के शब्द अपनाना भाषा को समृद्ध बनाता है।

 

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